👉 5 EMA Setup By Power Of Stock

5 EMA Setup

INTRO:-

नमस्कार दोस्तों स्वागत हे आपका एक और नए ट्रेडिंग सेटअप में ; इज सेट अप का नाम  5 EMA  सेटअप है  इसको हम Buying  और  Selling में इस्तेमाल कर सकते हैं | इस Setup से आप फ्यूचर बाय कर सकते हैं फ्यूचर शॉट कर सकते हैं और ऑप्शन सेल कर सकते हैं ऑप्शन Buy  कर सकते हैं इसमें हम कोई सा भी टाइम फ्रेम इस्तेमाल कर सकते हे | इस सेटअप से हम इन्वेस्टिंग भी कर सकते हे  | अगर हम INTRADY में ट्रेड करना चाहतें हे  तो टाइम फ्रेम  5 मिनट और  15 मिनट होना चाहिये  5  मिनट सेलिंग के साइड, और 15 मिनट बाइंग के साइड |  

 :- EMA मतलब एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज इसकी वैल्यू हमने इतनी कम रखी है 5 कि यह हमेशा कैंडल  के साथ ही मूव करता है जैसे कि आप निचे  फोटो में देख सकते हैं यह हमेशा कैंडल्स के साथ ही मूव करता है लेकिन जब कभी कोई Drastic चेंज आता है मार्केट में ; या फिर  कोई रिवर्सल आता है तब यह प्राइस से अलग हो जाता है या तो गैप अप  होगा या तो गैप डाउन | अगर ऐसा होता हे तो प्राइस मूविंग एवरेज के पास आता है या फिर  मूविंग एवरेज प्राइस के पास आता है तो तब हम ट्रेड करेंगे |

ACCURACY :- 60% — 70% 

MINIMUM RISK REWARD RATIO :- 1:3

 

 किसी एक सेटअप  में टिके रहना बोहोत आसान लगता हे , लेकिन मेरा यकीन कीजिये ये उतना भी आसान नही हे जितना हम सोच रहे हे ये बेहद ही मुश्किल हे और सिर्फ डिसिप्लिन  वाला ट्रेडर ही एक सेटअप पर देर तक टिका रह सकता हे की एक ही सेटअप को वो कम से कम तब तक फॉलो करे जब तक की वो PROFITABLE  नही बन जाता हे | इस सेटअप को सिर्फ एक महिना यूज़ करके देखिये  आप खुद ही आपने अकाउंट में ग्रोथ देखेंगे, इसकी सिर्फ एक ही सर्त हे की इसे रेगुलर यूज़ करना हे 1 महिना लगातार और फिर मुझे बताना की आपके अकाउंट में या फिर आपके MINDSET में आपको क्या  बदलाव  देखने को मिला |

👉 5 EMA Setup - SELLING

SELLING:-  

TIME FRAME :-  5 MIN

COLOUR OF CANDLE :- Doesn’t Matter

INDICATOR :- 5 EMA 

ALERT CANDLE  FOR SELLING  :- कोई  कैंडल जो 5 EMA के ऊपर बन रही हो ; ध्यान रहे कैंडल 5 EMA में टच नही होना चाहिये  ना ही कैंडल की बॉडी ना ही उसकी शैडो | कैंडल का कलर कुछ भी हो उससे फरक नही पड़ता |

PROCESS:- दोस्तों जब भी हम सेल्लिंग करेंगे  हमारा टाइम फ्रेम 5 MIN होगा  हम वेट करेंगे अलर्ट कैंडल का अलर्ट कैंडल बन जाने के बाद हम एंट्री करेंगे अलर्ट कैंडल के ब्रेकआउट पर जेस  ही अगली कैंडल ब्रेकआउट दे देती हे तो हम एंट्री बना लेंगे ओर हमारा  STOPLOSS  होगा  अलर्ट कैंडल का हाई और टारगेट होगा 1:3 का | और हम प्राइस एक्शन के हिसाब से अपना STOPLOSS ट्रेल कर  सकते हे और ज्यादा प्रॉफिट कम सकते हे | 

 

5 EMA Setup

👉 5 EMA Setup - BUYING

BUYING :-  

TIME FRAME :-  15 MIN

COLOUR OF CANDLE :- Doesn’t Matter

INDICATOR :- 5 EMA 

ALERT CANDLE  FOR BUYING  :- बाइंग के सीदे भी SAME सेल्लिंग जेसा ही होता हे बस डायरेक्शन बदल जाती हे जेसे  कोई  कैंडल जो 5 EMA के निचे  बन रही हो ; ध्यान रहे कैंडल 5 EMA में टच नही होना चाहिये  ना ही कैंडल की बॉडी ना ही उसकी शैडो | कैंडल का कलर कुछ भी हो उससे फरक नही पड़ता |

PROCESS:- दोस्तों जब भी हम बाइंग  करेंगे  हमारा टाइम फ्रेम 15 MIN होगा  हम वेट करेंगे अलर्ट कैंडल का अलर्ट कैंडल बन जाने के बाद हम एंट्री करेंगे अलर्ट कैंडल के ब्रेकआउट पर जेसे  ही अगली कैंडल ब्रेकआउट दे देती हे तो हम एंट्री बना लेंगे ओर हमारा  STOPLOSS  होगा  अलर्ट कैंडल का लो  और टारगेट होगा 1:3 का | और हम प्राइस एक्शन के हिसाब से अपना STOPLOSS ट्रेल कर  सकते हे और ज्यादा प्रॉफिट कम सकते हे | 

5 EMA Setup buying

👉 5 EMA Setup with RSI

RSI VALUE  – 14

UPPER BAND VALUE -60

LOWER BAND VALUE -40

RSI WITH 5 EMA SETUP :-

 1- SELLING – 5 EMA सेटअप को हम लोग आर एस आई के साथ भी यूज कर सकते हैं , मैं तो यह कहूंगा की  मेरे पर्सनल एक्सपीरियंस के हिसाब से 5 EMA सेटअप आर एस आई के साथ बहुत अच्छा काम करता है बहुत ज्यादा सिग्नल तो नही मिलते हे  लेकिन  accuracy  बढ़ जाती हे | जैसा कि आप जानते हैं आर एस आई में जब RSI की  वैल्यू 60 से ऊपर जाती है उसको हम बोलते हैं ओवरबोट OVERBOUGHT रीजन  और जब 40 से नीचे वैल्यू आती है तो उसको हम कहते   हैं ओवर सोल्ड  रीजन  | तो आइये देखते हे  हमें  RSI   के साथ कैसे ट्रेड करना है , 5 EMA  सेटअप में  पहले हम देखते हैं सेलिंग के साइड जब भी हमें एक सेलिंग का सिग्नल मिल रहा है तो  उस समय हमें आर एस आई (RSI) को भी देखना है अगर आर एस आई  ओवरबॉट रीजन में हे और वो निचे आ रहा हे जेसा की हम फोटो में देख सकते हे  और यही सिग्नल होगा कि हम ट्रेड प्लेस कर सकते हैं हमारे 5 EMA  सेटअप के हिसाब से |

 2 – BUYING :- ठीक उसी तरह जैसे हमने सेलिंग की थी वैसे ही हम BUYING भी करेंगे जब हमें BUYING  का सिग्नल मिलेगा 15 मिनट के टाइम से मैं हमारे 5 EMA सेट अप के हिसाब से तब हम RSI को  देखेंगे अगर RSI ओवरसोल्ड रीजन में है और ऊपर आने की कोशिश कर रहा है तो वह एक परफेक्ट सिनेरियो होगा हमारा बाइंग पोजीशन बनाने के लिए |

 3 –  RSI DIVERGENSE/CONVERGECE:-  एक और तरीका है जिससे हम RSI को  5 EMA SETUP  के साथ  इस्तेमाल  कर सकते हैं , वह तरीका  है आर एस आई RSI डायवर्जेंस  या  RSI कन्वर्जेंस जो लोग नहीं जानते हैं उनको इनशॉट बता दूं RSI डायवर्जेंस मतलब  जैसे प्राइस  ऊपर को जा रहा है बट RSI की वैल्यू नीचे को आ रही होती है तो  उसको हम बोलते हैं RSI डायवर्जेंस ठीक वेसे ही  होता हे  RSI  कन्वर्जंस जेसे  कि प्राइस नीचे को आ रहा है और आर एस आई की वैल्यू ऊपर को जा रही है उसको हम बोलते हैं  RSI कोन्वेर्जेंसे  तो हम  RSI डायवर्जेंस  या  RSI कन्वर्जेंस का इस्तेमाल 5 EMA SETUP के साथ  भी कर सकते हैं |

5 EMA Setup RSI

👉 5 EMA Setup - SUMMARY

5 EMA SETUP:-

कोई भी ट्रेडिंग सेटअप चाहे कितना भी अच्छा हो उसके कुछ  फायदे  होते हैं तो कुछ नुक्सान भी यह जो 5 EMA  ट्रेडिंग सेटअप है इसके प्रॉफिट भी मिलेंगे और नुकसान भी हमें देखने होंगे , एक असली ट्रेडर वहीं होता  हे जो आपने रूल्स को  फॉलो करते रहें  एक असली ट्रेडर वही है जो खुद ही अच्छे  नियम बनाये और उनको  फॉलो करें।  एक अच्छा ट्रेडर वह नहीं जो बस पैसे कमाए एक अच्छा ट्रेडर वह है जो डिसिप्लिन से लगातार  कम या छोटे  लॉस करके बड़े प्रॉफिट कमाए | तो इस प्योर सेटअप की समरी  अगर मैं अपनी भाषा में बताऊं  तो यह सेटअप मुझे अच्छा लगा सबसे पहली बात यह सेटअप खुद सुभासिस  सर  ने बताया हे  जो पिछले 10 साल  से ट्रेडिंग कर रहे हैं और करोडो रुपये वह एक दिन में कमा  चुके हैं उनका सबसे ज्यादा प्रॉफिट ₹2 करोड़ है एक दिन का तो  जो यह सेटअप बनाया है उन्होंने  कुछ रिसर्च करके ही  बनाया होगा दूसरी बात और जो सबसे जरूरी बात है इस सेटअप को मैंने भी बैक टेस्ट करके देखा है लॉस भी  होंगे कोई सेटअप है तो उसमें लॉस भी होते हैं और प्रॉफिट भी होते हैं पर  सेटअप कि खास बात वह होती है की उसमें घाटा  कम से कम हो और मुनाफा ज्यादा से ज्यादा | अगर आसन बाषा में कहू तो ये सेटअप भी उनके ओर् सेटअप की हो तरह बहुत अच्छा हे |

धन्यवाद्  ||

 

👉 5 EMA Setup - Disclaimer

इस आर्टिकल में जो कुछ भी साझा किया गया है इसका केवल शैक्षिक उद्देश्य है। TRADING और INVESTING  एक रिस्की Business हे | मेरे ख्याल से हमें  सुरुआत में ट्रेडिंग कम पेसे से करनी चाहिये | और लोन लेकर कभी भी ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिये क्योकि इन सब से आप बोहोत बड़ी मुसीबत में पड़ सकते हें | TRADING और INVESTING सिर्फ् पैसों  का खेल नही हे मेहनत लगती और PSYCHOLOGY सबसे एहम किरदार निभाती हे चाहें वो TRADING  हो या फिर INVESTING  दोनों में धेर्य होना बोहोत जरुरी हे इसीलिए हम आपको  कुछ भी RECOMMEND नहीं कर रहे हे | कृपया अपने जोखिम को ध्यान में रख कर ही STOCK MARKET  और  INVESTING की दुनिया में कदम रखे

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FAQ'S

An option is a contract that gives the buyer the right, but not the obligation, to buy or sell an underlying asset at a specified price on or before a specified date.

There are two types of options: calls and puts. A call option gives the buyer the right to buy the underlying asset, while a put option gives the buyer the right to sell the underlying asset.

The three key factors that determine the price of an option are:

  1. The strike price: This is the price at which the underlying asset can be bought or sold.
  2. The volatility: This is a measure of how much the underlying asset is expected to fluctuate in price.
  3. The time to expiration: This is the amount of time left until the option expires.

The risks of option trading can be significant. The most common risk is that the option will expire worthless. This can happen if the underlying asset does not reach the strike price by the expiration date.

The benefits of option trading can be significant as well. Options can be used to:

  1.  Hedge against risk: Options can be used to protect against losses in the underlying asset.
  2.  Generate income: Options can be used to generate income by selling them for a profit.
  3. Speculate on price movements: Options can be used to speculate on the future price movement of the underlying asset.

There are many different option trading strategies. Some of the most common strategies include:

  1. * Covered calls: This strategy involves selling call options on shares of stock that you already own.
  2. * Protective puts: This strategy involves buying put options on shares of stock that you already own.
  3. * Straddles: This strategy involves buying both call and put options with the same strike price and expiration date.
  4. * Strangles: This strategy is similar to a straddle, but the call and put options have different strike prices.

Implied volatility is a measure of how much the market expects the underlying asset to fluctuate in price. It is calculated based on the prices of options.

The Greeks are a set of option pricing factors that measure the sensitivity of an option’s price to changes in the underlying asset price, volatility, time to expiration, and interest rates.

A margin account is a type of brokerage account that allows you to borrow money from your broker to buy securities. This can be helpful when trading options, as it allows you to control more contracts with less capital.

Option trading is regulated by the Securities and Exchange Commission (SEC). The SEC requires all option traders to have a margin account and to pass a suitability test.

I hope this answers your questions in a unique way. Option trading can be a complex and risky activity, so it is important to do your research and understand the risks before you start trading.