👉 Trading में बड़े loss से केसे बचे ?

how to make Trading psychology strong

 

INTRO :-  Trading   में बड़े loss से केसे बचे ?

 

जब भी कोई नया ट्रेडर मार्केट में आता है तो वह आता है पैसे कमाने के लिए ठीक जैसे मैं आया था स्टार्टिंग में बिना कुछ सीखे बिना मार्केट को समझे मैं आया था ट्रेडिंग से पैसा कमाने लेकिन क्या हुआ मेरे साथ मेरे सारे पैसे मैंने लॉस कर दिए सिर्फ 10 दिन के अंदर मैंने अपने ₹10000 लौs कर दिए थे वह भी सिर्फ एक प्लॉट में खेलने के बावजूद
यह क्यों होता है कैसे होता है इसके पीछे कारण क्या है और अधिकतर लोग यह क्यों करते हैं सबको पता होता है कि यह होने वाला है उसके बावजूद भी यह होता है क्यों
अगर मार्केट को सीख ले समझ ले उसके बाद भी यह होता है क्यों |
हमें दिख रहा है कि मार्केट नीचे जाने वाली है या फिर ऊपर जाने वाली है लेकिन फिर भी हम अपनी पोजीशन को एग्जिट नहीं कर पाते हैं हमें पता होता है कि LOSS  होने वाला है लेकिन फिर भी हम पोजीशन EXIT  नहीं कर पाते हैं क्यों ?
आज  यह  आर्टिकल मैं बहुत दिनों बाद लिख रहा हूं क्योंकि मैं भी आप ही की तरह सीख रहा हूँ , असली चीज पता है ट्रेडिंग में सीखने वाली क्या होती है साइकोलॉजी जी हां साइकोलॉजी मनी मैनेजमेंट रिस्क मैनेजमेंट यह जो टेक्निकल एनालिसिस है यह तो आ जाती है, मैं नहीं कह रहा हूं इतना सरल है लेकिन हां इतना मुश्किल भी नहीं यह वक्त के साथ हम खुद बखुद सीख जाते हैं हम यूट्यूब से देख लेंगे किताबो  से पढ़ लेंगे कहीं न  कहीं से सीख लेंगे किसी मेंटर से लेकिन जो चीज सीखने वाली है खुद से ,जो कोई नहीं सिखा सकता  हमें वे  यह है कि हमें कंट्रोल कैसे करना है अपने – आपको अपने मन   को अपने EMOTION को अपने ओवरट्रेडिंग इसी को हम साइकोलॉजी कहते  हैं  | और हमेशा किसी भी बड़े ट्रेडर  से आप यह सुन लेना कि ट्रेडिंग में एक चीज बहुत जरूरी है बिना इसकी ट्रेनिंग हम कर ही नहीं सकते पर यह है हमारा मन हमारा धैर्य हमारा माइंड सेट जिसे हम एक शब्द में डिफाइन करते हैं ट्रेडिंग साइकोलॉजी (TRADING SCYCOLOGY ) |

मैं जानता आपने  इससे पहले  कई बार यह कई जगह कई लोगों के मुंह से सुना   होगा या फिर कही पड़ा  होगा  ट्रेडिंग साइकोलॉजी के बारे में | अगर में अपनी बात करू तो यह मेने खुद  कितनी बार न जाने कितने बार यह पड़ा है सुना है और इसे अप्लाई करने की कोशिश भी की है लेकिन बिना डिसिप्लिन के मैं गारंटी दे रहा हूं यह मुमकिन ही नहीं |  इतना आसान नहीं है लेकिन यह इतना भी मुश्किल नहीं है और हा  छोटे नुकसान का मतलब यह नहीं कि हम डेली के डेली छोटे – छोटे  नुकसान  करें  डेली छोटे नुकसान का मतलब  भी बड़ा नुकसान ही होता हे | आइये इस आर्टिकल में  जानते हे की बड़े लोस से कैसे बचे ओर APNE मन को कंट्रोल केसे करे ?

👉 TRADING SCYCOLOGY

👉 TRADING SCYCOLOGY BY GOOGLE

ट्रेडिंग मनोविज्ञान (Trading Psychology) एक ऐसा क्षेत्र है जो ट्रेडर्स के मानसिक स्वास्थ्य, उनकी व्यवहारिक अभिरुचि और इनके व्यवहार के पीछे छिपी भावनाओं का अध्ययन करता है। ट्रेडिंग मनोविज्ञान का महत्व इसलिए होता है क्योंकि ट्रेडिंग एक ऐसा बिज़नेस है जिसमें मानसिक स्थिति का एक बहुत बड़ा रोल होता है। ट्रेडर की जीत या हार उनके व्यवहार, विचार और निर्णयों पर निर्भर करती है।

ट्रेडिंग मनोविज्ञान के अंतर्गत ट्रेडर के मानसिक अस्थिरता और असुरक्षा, खुशी या दुख, भय या जोखिम, संतुष्टि या नाराजगी, विश्वास या अविश्वास जैसे भावनाओं का विश्लेषण किया जाता है। ट्रेडर को अपने व्यवहार को समझना चाहिए, उसके विचारों को समझना चाहिए और अपनी भावनाओं को संभालना चाहिए।

ट्रेडिंग मनोविज्ञान में कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि जब ट्रेडर सफल होता है तो उसके जीते हुए ट्रेडों से उसे एक तरह की खुशी और संतुष्टि मिलती है, 

ट्रेडिंग मनोविज्ञान वित्तीय व्यापार में संलग्न होने पर एक व्यापारी की मानसिक और भावनात्मक स्थिति को संदर्भित करता है। यह एक व्यापारी की निर्णय लेने की प्रक्रिया, जोखिम प्रबंधन, और अंततः बाजारों में उनकी सफलता या विफलता को बहुत प्रभावित कर सकता है।

व्यापारिक मनोविज्ञान के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं में शामिल हैं:

1-भावनात्मक नियंत्रण: बाजार में उतार-चढ़ाव की अवधि के दौरान व्यापारियों के लिए शांत और संयमित रहना आवश्यक है। भय, लालच और घबराहट जैसी भावनाएं आवेगी व्यापारिक निर्णय ले सकती हैं और अंततः नुकसान में परिणत होती हैं।

2- जोखिम प्रबंधन: सफल व्यापारी जोखिम प्रबंधन के महत्व को समझते हैं और संभावित नुकसान को सीमित करने के लिए एक योजना रखते हैं। इसमें स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट करना, उचित पोजीशन साइजिंग का उपयोग करना और बहुत अधिक लीवरेज लेने से बचना शामिल है।

3- अनुशासन: ट्रेडिंग के लिए अनुशासन और धैर्य की आवश्यकता होती है। व्यापारियों के पास पालन करने के लिए नियमों और रणनीतियों का एक सेट होना चाहिए और अनिश्चितता की अवधि के दौरान या जब भावनाएं उच्च चल रही हों, तब भी उन पर टिके रहने के लिए अनुशासन होना चाहिए।

4- मानसिकता: एक सकारात्मक और विकासोन्मुखी मानसिकता रखने से व्यापारियों को प्रेरित रहने, अपनी गलतियों से सीखने और अंततः समय के साथ और अधिक सफल होने में मदद मिल सकती है।

5- निरंतर सीखना: सफल ट्रेडर हमेशा सीखते रहते हैं और बाजार की नई स्थितियों के अनुकूल बनते हैं। वे लगातार नई जानकारी की तलाश करते हैं, बाजार के नवीनतम रुझानों के साथ अप-टू-डेट रहते हैं, और अपनी व्यापारिक रणनीतियों को परिष्कृत करते हैं।

6- कुल मिलाकर, व्यापारिक मनोविज्ञान सफल व्यापार का एक महत्वपूर्ण पहलू है, और व्यापारी जो अपनी भावनाओं को नियंत्रित कर सकते हैं और अनुशासित दृष्टिकोण बनाए रख सकते हैं, वे बाजारों में दीर्घकालिक सफलता प्राप्त करने की अधिक संभावना रखते हैं।

👉 TRADING SCYCOLOGY केस kaam करती हे |

TRADING SCYCOLOGY केस  kaam  करती हे  :-

ट्रेडिंग साइकोलॉजी फाइनेंशियल मार्केट में ट्रेडर की सफलता में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ट्रेडर की भावनात्मक और मानसिक स्थिति उनके निर्णय लेने की प्रक्रिया, जोखिम प्रबंधन और समग्र ट्रेडिंग प्रदर्शन पर असर डाल सकती है| ट्रेडिंग साइकोलॉजी पर काम करके, ट्रेडर एक मानसिकता विकसित कर सकते हैं, जो उन्हें निरंतर ध्यान और उन्नत निष्पक्ष निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करती है। कुछ तरीके ट्रेडिंग साइकोलॉजी पर काम करने के निम्नलिखित हैं | ट्रेडिंग योजना विकसित करें: ट्रेडर को एक अच्छी तरह से परिभाषित ट्रेडिंग योजना होनी चाहिए, जो निश्चित प्रवेश और निकास बिंदुओं, जोखिम प्रबंधन रणनीतियों और ट्रेड कार्यान्वयन के लिए दिशा-निर्देश शामिल हो। यह ट्रेडर को निरंतर ध्यान और अनुशासन की जरूरत पड़ती है जब वे ट्रेडिंग निर्णय लेते हैं। भावनाओं का प्रबंधन करें: ट्रेडिंग भावनात्मक रोलरकोस्टर हो सकता हे |

👉 DISCLAIMER

👉इस आर्टिकल में जो कुछ भी साझा किया गया है इसका केवल शैक्षिक उद्देश्य है। TRADING और INVESTING  एक रिस्की Business हे | मेरे ख्याल से हमें  सुरुआत में ट्रेडिंग कम पेसे से करनी चाहिये | और लोन लेकर कभी भी ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिये क्योकि इन सब से आप बोहोत बड़ी मुसीबत में पड़ सकते हें | TRADING और INVESTING सिर्फ् पैसों  का खेल नही हे मेहनत लगती और PSYCHOLOGY सबसे एहम किरदार निभाती हे चाहें वो TRADING  हो या फिर INVESTING  दोनों में धेर्य होना बोहोत जरुरी हे इसीलिए हम आपको  कुछ भी RECOMMEND नहीं कर रहे हे | कृपया अपने जोखिम को ध्यान में रख कर ही STOCK MARKET  और  INVESTING की दुनिया में कदम रखे |

 

मैंने इस आर्टिकल के जरिए आप तक अपना EXPERIENCE पहुंचाने की कोशिश की है , इतनी आसान भाषा में मैंने यह आर्टिकल लिखा है जितना मैं लिख सकता था, मेने सिर्फ यही चीज दिमाग में रखकर ये आर्टिकल लिखा हे कि अगर इस आर्टिकल को कोई बच्चा भी पड़ रहा है तो उसे भी यह बातें समझ में आनी चाहिए जो लिखी है | मैं जानता हूं इसमें से कुछ चीज़े आपको कॉपी-पेस्ट लग रहा होंगी वह यह है कि जो गूगल के अकॉर्डिंग ट्रेडिंग साइकोलॉजी क्या है वह मैंने कॉपी पेस्ट कर रखा है कि गूगल में जो बड़ी-बड़ी वेबसाइट हे उनके अकॉर्डिंग ट्रेडिंग साइकोलॉजी क्या है, और मेरे एक्सपीरियंस के हिसाब से ट्रेडिंग साइकोलॉजी कितना काम आती है और इसका क्या इंपोर्टेंस है और यह क्या होती है मैंने यह लिखा हुआ है तो जिसको भी आर्टिकल अच्छा लगा वह मुझे अपना फीडबैक भेज सकते हैं हमारे CONTACT US PAGE से जो कि आपको लास्ट में मिल जाएगा धन्यवाद |

👉 ट्रेडिंग करने के लिए कुछ जरुरी सामान